तेरे छुअन की वह महक
दिल के बंद कमरे में है,
दीदार को मेरी आँखें
आज तलक सजदे में हैं।
@~राहुल कश्यप
यादों के छाँव
रविवार, 20 अगस्त 2017
सजदे में है....
मंगलवार, 15 अगस्त 2017
मशहूर हुए
कितने सपने टूटे,
कितने साथी हमसे दूर हुए,
सूखे आँखों के आंगन में
सावन भी मंजूर हुए।
दीवाने भी कहते हैं दीवाने,
खता ऐ इश्क में
हम इतने मशहूर हुए।
@~राहुल कश्यप
गुरुवार, 10 अगस्त 2017
चाँद को नभ में जब जब देखा......
चाँद को नभ में जब जब देखा
तेरा ही दीदार लिखा.....
मन को मन से बाँध लिया फिर
दिल पे तेरा प्यार लिखा.......
चाँद को नभ में जब जब देखा..........
सजाया तुमको सपनो में भी
तुझपे ही सृंगार लिखा,
उतरकर तेरी साँसों में,
कलियों का तुझे बहार लिखा...
चाँद को नभ में जब जब देखा..........
बिठाकर तुमको पलकों पर
अपने हृदय का द्वार लिखा
बनाकर तुझको अपना हमदम,
जीवन ये तुझपे निसार लिखा
चाँद को नभ में जब जब देखा..........
पाकर तुझको खुद को खोया,
खोकर तुमको आँखे रोया,
रूठे रूठे खुद से यूँ ही
तुझको अश्कों का धार लिखा...
चाँद को नभ में जब जब देखा..........
🖋~ *राहुल कश्यप*
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