यादों के छाँव
रविवार, 20 अगस्त 2017
सजदे में है....
तेरे छुअन की वह महक
दिल के बंद कमरे में है,
दीदार को मेरी आँखें
आज तलक सजदे में हैं।
@~राहुल कश्यप
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें